मारी अरजी सुणी ने वेगा आओ


मारी अरजी सुणी ने वेगा आओ।
मारी बांह पकड़ बाहर लाओ।।टेर।।

मैं तो ध्याऊं गुरां ने दिन राता।
मारा हिरदा री अरज सुणाता।
माने लागो दरसण रो उमाओ।।1।।

गुरां पारस खान कहाया
पाका लोहा ने कंचन बणाया
ज्यारा गेणा खूब सजाओ।।2।।

मारे कृट भ्रमर जैसा नाता
तूं तूं धून सुणाय उड़ाता
माने शब्दां रा कीट वणाओ।।3।।

मारे धूप बत्ती नहीं पासा
थाने कैसे धीरज बन्धाता
मारी लगी लगन ना छुड़ाओ।।4।।

थाने गावे बालक दासा माने राखो चरणा रे पासा
माने अटल पंथ बताओ।।5।।