गुरु सोहं शब्द ओलखाया


गुरु सोहं शब्द ओलखाया।।
जब छुट गयी ये माया।

जब चरणे गुरांजी रे आया।।
काया कलप किया फल पाया।।

मन क्रम वचन हमझाया।।
फिर जोत गगन दरशाया

आगे सुन्न शिखर घरनाया
वठे धुणा अखण्ड जलाया

गुरां अदर आसण दिखलाया
वठे दसोई एक में समाया

गुरां दसोई नांद सुणाया
वठे ओहम सोहम गुण गाया

ये तो अटल अनुभव पाया
बालक लिख हमझाया