मनाऊं सुण्ड
सुण्डाला ने,
सुण्ड में
मोदक वाला
ने।।टेर।।
मनाऊं करके
अन्तः पुकार,
दयाकर खोल
दो हिये
द्वार,
पधारो मुसक
रा असवार,
संग में
रिद्धि सिद्धि
दो नार।
मनाऊं गज
शिर वाला
ने ........................ सुण्ड में।।1।।
सभा में
राखो शबद
री लाज,
सुनाओ नांद
की आवाज।
गुणों के
आप हो
सिरताज, काया
पे आपका
है राज।
मनाऊं ब्रह्मउजाला
ने........................ सुण्ड में।।2।।
हटा दो
आप सभी
विकार, रखा
है आपका
आधार।
चला दो
अमीरस की
फूंकार, तुम्हारे
हाथ जीवन
का भार।
खोल दो
हिरदा रा
ताला ने........................
सुण्ड में।।3।।
प्रथम हो
पूज्य जगत
के नाथ,
हटा दो
कर्म अज्ञानी
रात।
करा दो
शिव शिवा
का साथ,
कुण्डली तारा
के हो
साथ।
मिला दो
निज घर
वाला ने........................
सुण्ड में।।4।।
ष्अटलष् हो
आप तत्व
से पार,
बालक सतसंग
के हो
लार।
निरंजन आप
हो निराधार,
नैया हमारी
कर दो
पार।
मनाऊं दुंध
दुधांला ने........................
सुण्ड में।।5।।